
108 संजीवनी कर्मि यों के लिए मरीज की जान बचाना और उन् जल्द स हें े जल्द बेहतर उपचार के लिए हॉस्पिटल पहचाना स ुं र्वोच्च प्राथमिकता में है.
इसका एक और उदाहरण मंगलवार को मोलासनार में देखने को मिला जहां दुर्गम और पहचुं विहीन मार्ग की चुनौती को दूरकर 108 की टीम ने घायल अधेड़ की जान बचाई.
108 की ईएमटी प्रियंका साहू ने बताया कि हमें कॉल सेंटर के माध्यम से सूचना मिली कि मोलासनार निवासी बुधराम उम्र 50 वर्ष अपने 4 साथियों के साथ मछली
पकड़ने गए हुए थे और चोट लगने पर घायल हो गए हैं. सूचना मिलते ही तत्काल मैं और पायलट अशोक कुमार घटना स्थल के लिए रवाना हुए. नजदीक पहचनुं े
पर पता चला कि आगे का 500 मीटर का रास्ता दुर्गमऔर एम्बुलेंस के लिए पहचुं विहीन है. घायल को त्वरित चिकित्सा सुविधा मुहैय्या कराने मैं और पायलट पैदल
ही स्पाइन बोर्ड ( स्ट्रेचर) लेकर मरीज को लेने पहचुं े. वहां जाकर देखे तो घायल बुधराम के कमर फै क्चर होने के साथ पैर में भी चोट आई है. ऐसे में वे चलने में
बिल्कुल असमर्थ थे. अतः हम जंगल- झाड़ी और नाले को पार कर स्ट्रेचर की मदद से बुधराम को एम्बुलेंस तक लेकर आएं. घायल व्यक्ति के गम्भीर स्थिति को
देखतेहुए ईआरसीपी की मदद लेकर डॉक्टर के सलाह अनुसार उनका इलाज करतेहुए उन् जहें िला अस्पताल दंतेवाड़ा में एडमिट किया गया.
दंतेवाड़ा में कार्य के दौरान ऐसी चुनौतियों सेस्टाफ का सामना होते रहता है. दुर्गम और संवेदनशील क्षेत्र में भी 108 के स्टाफ पूरी तत्परता से सेवांए दे रह है.
