108 संजीवनी कर्मियों ने एक बार फिर से कर्तव्य निष्ठा की मिसाल पेश की है। जिले के बम्हनीडीह ब्लॉक अन्तर्गत आने वाले ग्राम लखाली में कलेश्वर यादव और उनकी पूनई बाई यादव के घर जिंदगी और मौत से जूझ रहे नवजात बच्ची को 108 संजीवनी एक्सप्रेस के ईएमटी अर्जुन सिंह राठौर की सूझबूझ से एक नई जिंदगी मिली।
मिली जानकारी के अनुसार प्रसव पीड़ा बढ़ने पर गुरुवार की सुबह तकरीबन 4: 30 को मितानिन की मदद से पुनई बाई यादव का घर में ही प्रसव हुआ। महिला ने बच्ची को जन्म दिया। किन्तु नवजात बच्ची किसी तरह से मूवमेंट नहीं कर रही थी। परिजनों ने इसकी सूचना 108 को दी। सूचना मिलते ही 108 की टीम तुरन्त गांव पहुँची। ईएमटी अर्जुन सिंह और पायलट भूपेंद्र चंद्रा जब गांव पहुचें तो उन्होंने देखा कि बच्ची किसी प्रकार से कोई मूवमेंट नहीं कर रही है। परिजन बच्ची के मूवमेंट नहीं करने पर रोने बिलखने लगे। ईएमटी अर्जुन ने तुरन्त अपने सूझबूझ का परिचय देते हुए बच्ची को सीपीआर देना शुरू किया। ईएमटी अर्जुन ने बताया कि परिजन पूरी तरह से उम्मीद खो चुके थे और बच्ची को हॉस्पिटल ले जाने पर भी संशय करने लगे । किंतु उन्हें उम्मीद थी। तो उन्होंने परिजनो को राजी कर सीपीआर देना जारी रखा और बच्ची को लेकर हॉस्पिटल के लिए रवाना हुए। रास्ते में 2 से 3 किलोमीटर आगे बढ़ने पर नवजात शिशु ने धीरे धीरे मूवमेंट करना शुरू किया। वहीँ बॉडी का सफेद हो चुका कलर भी हल्का लाल होने लगा।
जब तक एम्बुलेंस बम्हनीडीह पहुँची तब तक बच्ची रोने भी लगी थी। उम्मीद खो चुके परिजनो के लिए 108 की टीम संजीवनी बनकर पहुँचीं। बच्ची को रोता देख नवजात शिशु के माता – पिता के आँखों से भी खुशियों के आंसू छलकने लगे। अपने बच्चे को नई जिंदगी देने के लिए परिजनों ने ईएमटी अर्जुन और पायलट भूपेंद्र चंद्रा को का शुक्रिया अदा किया। फिरहाल नवजात शिशु को डाक्टरों की देखरेख में जिला अस्पताल में रखा गया है।