
मां क्या मैं इतनी बुरी हूँ कि पैदा होते ही मुझे अपने से दूर झाड़ियों में फेंक दिया। मुझसे इतनी नफरत थी, तो पैदा ही क्यों किया? अगर बोल पाती तो शायद यही जज्यात होती उस नवजात बच्ची की जन्म देने वाली मां ने सिर्फ उसे छोड़ा नहीं, बल्कि मरने के लिए झाड़ियों में फेंक दिया। किस्मत अच्छी थी, जो किसी जंगली जानवर या फिर जहरीले कीड़े का शिकार होने से बच गई। दरअसल, कुकदूर थाना क्षेत्र के वनांचल गांव डालामौहा में स्टापडेम के पास झाड़ियों में कोई नवजात बच्ची को फेंक कर चला गया। फेंकने वाले ने इतना भी नहीं सोचा कि नवजात जिंदा रहेगी या फिर मर जाएगी। मंगलवार सुबह करीब 9 बजे खेत जा रहे कुछ लोगों ने बच्चे के रोने की आवाज सुनी तो उन्होंने झाड़ियों में जाकर देखा। बच्ची एक कपड़े में लिपटे हुए बिलख रही थी। यह देख लोगों का दिल पसीजा। बच्ची को तुरंत गोद में उठा लिया और पुलिस को सूचना दी। फिर आगे की प्रक्रिया पूरी की गई।
सूचना पर संजीवनी 108 और पुलिस टीम मौके पर पहुंची। ईएमटी विनोद धावलकर ने बताया कि नवजात बच्ची की तबीयत नाजुक थी। लगातार रोने की वजह से बच्ची की गला बैठी गई थी और उसका शरीर ठंडा पड़ रहा था। ईआरसीपी के जरिए डॉ. संजय सिन्हा से संपर्क किया। उनकी सलाह पर बच्ची को वार्मअप किया और ऑक्सीजन सपोर्ट पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुकदूर लेकर आएं। फिलहाल, डॉक्टरों की देखरेख में बच्ची का इलाज हो रहा है और वह खतरे से बाहर है।
