
बालाघाट : कहते है माँ की ममता ऐसी होती है कि वह पल भर के लिये भी अपनी संतान को अपनी आंखो से दूर जाने नही देती। लेकिन कभी कभी ऐसे मामले भी सामने आते है कि आंखे नम हो जाती है और दिल में कसब होती है। जो लोग निसंतान होते हैं, वही लोग ही बता सकते हैं कि आखिर, संतान नहीं होने का दर्द क्या होती है और घर में बच्चे की किलकारी सुनने के लिए वे कितने जनत करते है। लेकिन इस बेरहम दुनिया में ऐसे कई माँ बाप है जो जन्म दी संतान को भी मौत के गाल में छोड़ देते हैं। लेकिन एक कहावत है कि जाको राखे साईंया मार सके ना कोई कहते है जिसका कोई नही होता, उसका विधाता होता है। दरअसल, बालाघाट जिले के तिरोडी क्षेत्र से एक बार फिर मानवता को शर्मसार कर देने वाली तस्वीर सामने आई है। जहां तिरोड़ी क्षेत्र के ग्राम हीरापुर के जंगल में बने तालाब के पास पानी निकासी हेतु बनाई गई नाली में एक नवजात बालक जीवित अवस्था मे लावारिश दिखाई दिया। इसकी जानकारी तब लगी, जब गांव के लोग 13 मार्च की सुबह बकरी चराने गांव के तालाब की और गये हुए थे। इस दौरान उन्होने तालाब के पास बनी नाली से बच्चे के रोने की आवाज सुनी। जब उन्होने करीब जाकर देखा तो एक मासूम बच्चा पडा था और वह रो रहा था। जिसकी सूचना पर तत्काल ग्राम सरपंच इंद्रपाल पटले को दी गई। वही जानकारी लगते मौके पर लोगो की भीड इक्ट्ठा होने लगी। ग्राम सरपंच के द्वारा नवजात बच्चे को बाहर निकाला गया और उनके आदेश पर कपाशंकर डहाटे, अशोक डहाटे व गांव की महिलाओं ने 108 एम्बुलेंस की मदद ने उसे अस्पताल में उपचार हेतु भर्ती कराया है। जहां तिरोडी के उपस्वास्थ केंद्र में नवजात बालक का उपचार चल रहा है।
उपस्वास्थ केंद्र तिरोडी में पदस्थ एएनएम रीना पटले की माने तो बच्चा भर्ती के समय कांप रहा था और पेट में पानी भरा हुआ था। लेकिन उपचार के बाद स्वास्थ में सुधार आया है और वह वर्तमान में बिल्कुर ठीक है। वही घटना की जानकारी लगने के बाद पुलिस ने भी अस्पताल पहुचंकर आवश्यक कार्यवाही शुरू की है और बच्चे के परिजनो की तलाशी की जा रही है। लेकिन जानकारी यह मिली है कि यह बच्चा ग्राम हीरापुर समेत आसपास के किसी भी गावं का नही है।
