1st Floor, Global Tower, Avanti Vihar, Raipur, Chhattisgarh, IN

We’re setting Standards in Ambulance Services.what’s more, Patient Transportation Care.Our Delmont hospital utilizes state of the art technology and employs a team of true experts.
We’re setting Standards in Ambulance Services.what’s more, Patient Transportation Care.Our Delmont hospital utilizes state of the art technology and employs a team of true experts.

108 टीम ने अपनी सूझबूझ से गर्भवती महिला का एम्बुलेंस में सुरक्षित प्रसव कराया जहां मां और शिशु दोनों स्वस्थ हैं। जानकारी के अनुसार ग्राम साल्हे निवासी गर्भवती महिला नेहा साहू उम्र 29 वर्ष पति नेमचंद साहू को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने इसकी सूचना 108 को दी। सूचना मिलते ही पायलट द्वारिका साहू एवं ईएमटी अरुण साहू गांव पहुंचने के पश्चात एम्बुलेंस में बैठाकर जल्द ही पीएचसी चिखलाकसा के लिए रवाना हुए। इसी बीच रास्ते में 2 किलोमीटर आगे बढ़ने पर गर्भवती महिला को तेज प्रसव पीड़ा होने लगी ईएमटी अरुण साहू ने सूझबूझ का परिचय देते हुए सर्वप्रथम ईआरसीपी के माध्यम से डॉक्टर को वस्तुस्थिति से अवगत कराया और उनकी सलाहनुसार परिजनों से बात कर गर्भवती महिला की स्थिति को देखते हुए एम्बुलेंस में ही प्रसव कराने का निर्णय लिया। इस दौरान मितानिन और पायलट द्वारिका साहू भी ईएमटी की मदद करते रहे। कुछ ही क्षणों पश्चात एम्बुलेंस में बच्चे की किलकारी गूंजने लगी जिसके पश्चात मां बेटे को नजदीकी उपस्वास्थ्य केंद्र साल्हे में शिफ्ट कराया गया सुरक्षित प्रसव के लिए परिजनों ने 108 टीम को धन्यवाद दिया।

आधूनिकता के इस दौर में ऐसा बहुत कम देखने और सुनने को मिलता है जब कोई महिला रास्ते में ही एम्बुलेंस में बच्चे को सुरक्षित जन्म देती है। मिली जानकारी के अनुसार डौड़ी ब्लॉक के ग्राम साले निवासी | गर्भवती महिला नेहा साहू उम्र 29 वर्ष पति नेमचंद साहू को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने इसकी सूचना 108 को दी। सूचना मिलते ही पायलट द्वारिका साहू एवं ईएमटी अरुण साहू गांव के लिए रवाना हुए। पहुंचने के पश्चात एम्बुलेंस में महिला बैठाकर पीएचसी चिखलाकसा के लिए रवाना हुए। रास्ते में तेज हुई प्रसव पीड़ा इस बीच गांव से निकलते ही करीब 2 किलोमीटर आगे बढ़ने पर रास्ते में ही गर्भवती महिला नेहा को तेज प्रसव पीड़ा होने लगी। इस दौरान एसटी साहू ने अपनी का परिचय देते हुए सबसे पहले ईआरसीपी के माध्यम से डॉक्टर को वस्तुस्थिति से अवगत कराया। उसके बाद उनके सलाह के अनुसार परिजनों से बात कर गर्भवती महिला की स्थिति को देखते हुए एम्बुलेस में ही प्रसव कराने का निर्णय लिया। सबसे पहले एम्बुलेस को सुरक्षित खड़ी कर प्रसव प्रक्रिया प्रारंभ की। इस दौरान मितानिन और एक अन्य महिला का भरपूर सहर मिला जिससे यह सुरक्षित प्रसव हो पाया। प्रसव के बाद जच्चा- बच्चा को उनकी बेहतर देखरेख के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिखलाकसा ले जाया गया, जहां दोनों है।