1st Floor, Global Tower, Avanti Vihar, Raipur, Chhattisgarh, IN

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बस्तर संभाग में सड़क दुर्घटनाओं के लिहाज से बिता साल 2023, वर्ष 2022 की तुलना में कम हादसों वाला रहा। वर्ष 2023 में हादसों के ग्राफ में 2022 की तुलना में 17 प्रतिशत की कमी आई है। संभाग के अंतर्गत आने वाले 7 जिलों में वर्ष 2023 में सड़क हादसे में 4579 लोग घायल हुए जबकि 2022 में सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की संख्या 5515 थी। मतलब वर्ष 2022 में संजीवनी 108 एक्स्प्रेस ने हर दिन 15 हादसों में घायल लोगों हॉस्पिटल पहुंचाया, जबकि साल 2023 में हर दिन करीब 12 हादसों में घायलों को पहुंचाया है।

सबसे अधिक घायल मिले कांकेर जिले में वर्ष 2023 में पहले स्थान पर 1250 घायलों के जिला टॉप पर है। वहीं 922 के साथ कोंडागांव दूसरे पायदान पर है, बस्तर में 770, नारायणपुर में 494, दंतेवाड़ा 427, बीजापुर 396 और सुकमा जिले में 320 लोग घायल हुए। जबकि पिछले साल बस्तर जिले में 1035, बीजापुर 533, दंतेवाड़ा 432, कांकेर 1565, 1033 नारायणपुर ।

बस्तर संभाग में 108 संजीवनी एक्सप्रेस की कुल 66 एम्बुलेंस के माध्यम लोगों को सेवाएं दी जा रही है। इसमें 58 एम्बुलेंस बेसिक लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाली है वहीं 8 एम्बुलेंस एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम काली है। सड़क दुर्घटनाओं में गोल्डन ऑवर में इलाज मिलने हर संजीवनी 108 में और समय पर हॉस्पिटल पहुंचने से कई जिंदगियां बच रही हैं। इन एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस गाड़ियों में मॉनिटर, डीफिब्रिलेटर, सिरिंज पम्प लेरेन्जो स्कोप और वेंटिलेटर जैसे अत्याधुनिक जीवनरक्षक उपकरणों से सुसज्जित है। लगा है स्पीड गर्वनर सभी संजीवनी एक्सप्रेस में स्पीड गवर्नर लगे हुए हैं। इससे यह 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ही चलती है। इन गाड़ियों में फर्स्ट एड बॉक्स से लेकर ऑक्सीजन मौजूद रहता है, ताकि आपातकालीन स्थिति में मरीज की मदद की जा सके। वहीं सर्पदंश होने संजीवनी एक्सप्रेस में एंटीबीनम दवाइयां भी रहती हैं, ताकि पीड़ित की जान बचाई जा सके। संजीवनी एक्सप्रेस में एक ईएमटी भी रहता है। एंबुलेंस में ही कराया गया 44 महिलाओं का प्रसव प्रसव पीड़ित महिलाओं के यह वाहन एक संजीवनी ही है, क जच्चा-बच्चा की जान बचाने का काम करती है। वर्ष 2023 में 4225 महिलाओं को डिलवरी के लिए हॉस्पिटल पहुंचाया गया तो वहीं 44 महिलाओं की आपातकालीन स्थिति के दौरान एंबुलेंस में ही कराया गया। इससे जच्चा व बच्चा की समय रहते जान बचाई जा सकी। संजीवनी सेवा के बस्तर जिला प्रभारी हेमराज ने बताया कि सबसे अधिक सड़क दुर्घटना पर की सेवा ली जाती है। एक वर्ष के दौरान 4 हजार से घायलों को संजीवनी की तरह मदद मिली।